अभिषेक अभी भी गुस्से में था और अंदर ही अंदर कुढ़ रहा था, ‘‘क्या समझती है वह अपनेआप को? हर वक्त चिकचिक करती रहती है. एक तो दफ्तर में चैन नहीं, घर आओ तो यहां भी …
‘यार, हौट लड़कियां देखते ही मुझे कुछ होने लगता है.’ मेरे पतिदवे थे. फोन पर शायद अपने किसी दोस्त से बातें कर रहे थे. जैसे ही उन्होंने फोन रखा, मैं ने अपनी नाराज…
सागर अपने दोस्तों के साथ घुमक्कड़ी पर निकला. हाईवे पर कुछ जवान लड़कियां भड़कीले कपड़ों में खड़ी थीं. एक ढाबे वाले ने बताया कि बांछड़ा समाज की ये लड़कियां सड़क …
जुलाई की एक शाम थी. कुछ देर पहले ही बरसात हुई थी. मौसम में अभी भी नमी बनी हुई थी. गीली मिट्टी की सौंधी सुगंध चारों ओर फैली हुई थी. सीमा को 2 घंटे हो गए थे. वह …
केशव हाल ही में तबादला हो कर बस्तर से जगदलपुर के पास सुकुमा गांव में रेंजर पद पर आए थे. जगदलपुर के भीतरी इलाके नक्सलवादियों के गढ़ हैं, इसलिए केशव अपनी पत्नी क…
मैं 30 की हो चली हूं. मेरा मानना है कि सब को अपनेअपने हिस्से की लड़ाई लड़नी पड़ती है. एक लड़ाई मैं ने भी लड़ी थी, उस समय जब मैं थर्ड ईयर में थी. पर आज जिंदगी म…
हरीश अपने बनाए स्कैच में रंग भर रहा था. रविंद्र बैठा गिटार के तार कस रहा था कि तभी विकास आया और बोला, ‘‘यार रविंद्र, मैं अभीअभी नारायण के घर से आ रहा हूं. उस क…
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