जेठ का महीना था. गरम लू के थपेड़ों ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया था. ऐन दोपहर के वक्त लोग तभी घर से निकलते जब उन्हें जरूरत होती वरना अपने घर में बंद रहते. …
काश,जो बात अनामिका अब समझ रही है वह पहले ही समझ गई होती. काश, उस ने अपने पड़ोसी के बहकावे में आ कर अपने ही पति किशन की हत्या नहीं की होती. आज वह जेल के सलाखों …
कल तक जिस गुंजन के जिस्म से अभिनव खेलता रहा, शादी की बात पर वह उसे नीची जाति का बताने लगा. इस अपमान का बदला लेने के लिए गुंजन ने एक खेल खेला और फिर एक दिन... ग…
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